Thursday, September 12, 2013

SWARAAJ


स्वराज 

अधूरे  हैं  कई  सपने, बहुत  कुछ  काम  करना है 
मिले स्वराज ना जब तक, नहीं आराम करना है  

हुये   आज़ाद  हम   कुर्बानियां  देकर  शहीदों  की 

यही  जज़्बा  रहे   कायम  ये  इंतजाम  करना  है

तेरा हक छीन कर कोई  तुझी  पर राज करता है
व्यवस्था ये बदलने में  ही सुबहो-शाम  करना है 

ज़रा पहचान अपनों को  तेरे हाथों में शासन हो 
तुझे  हर ओर  जन जन  में यही पैग़ाम करना है 

Sunil_Telang/12/09/2013

   

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