Main koi kavi ya shaayar nahin hoon, Bus jo bhi apne aas paas dekhta hoon ya apne saath ghat raha hai, usko shabdon me dhaalne ki koshish karta hoon.
Thursday, September 12, 2013
DEEDAAR
दीदार वही जो दर्द देते हैं वही गमख्वार होते हैं मोहब्बत में सितमगर भी दिले-बीमार होते हैं कभी परदे के पीछे से नुमायां होते रहते हैं कभी महफ़िल में भी ना रूबरू दीदार होते हैं Sunil _Telang /12/09/2013
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