Monday, September 9, 2013

CHINGARI



चिंगारी 

सितम  होते  रहेंगे जब तलक खामोश हम होंगे 
घरों   में   बैठने  से  हादसे  ऐसे   ना   कम   होंगे 
ज़लायेगी तेरा दामन भी ज़ुल्मत की ये चिंगारी 
निशाने पर कभी इन्सां, कभी दैर-ओ-हरम होंगे 

Sunil _Telang /09/09/2013

ज़ुल्मत-  (पीड़ा ) ,
दैर-ओ- हरम  (पूजा स्थल ) 

No comments:

Post a Comment