TERI ZID
तेरी जिद ने आज कुछ ऐसा करिश्मा कर दिया
हर युवा की धमनियों में रक्त फिर से भर दिया
चाहे छल हो या कि बल हो अब रुकेंगे ना कदम
भ्रष्ट सत्ता की असलियत को उजागर कर दिया
हो गया हर नौजवां तैयार मरने के लिये
अपने जीवन की कदर करने का इक अवसर दिया
चाहे अब कोई भी हो अंजाम कोई ग़म नहीं
हाथ अब सरकार की दुखती रगों पर धर दिया
हुक्मरानों सब्र का मत इम्तिहाँ लेना कभी
जब युवा जागा तो जो चाहा वो उसने कर दिया
हर युवा की धमनियों में रक्त फिर से भर दिया
चाहे छल हो या कि बल हो अब रुकेंगे ना कदम
भ्रष्ट सत्ता की असलियत को उजागर कर दिया
हो गया हर नौजवां तैयार मरने के लिये
अपने जीवन की कदर करने का इक अवसर दिया
चाहे अब कोई भी हो अंजाम कोई ग़म नहीं
हाथ अब सरकार की दुखती रगों पर धर दिया
हुक्मरानों सब्र का मत इम्तिहाँ लेना कभी
जब युवा जागा तो जो चाहा वो उसने कर दिया
Teri zid ne aaj kuchh Aisa karishma kar diya
Har yuva Ki dhamniyon me Rakt fir se bhar diya
Chaahe chhal ho ya ke bal ho Ab rukenge na kadam
Bhrasht satta ki asaliyat Ko ujaagar kar diya
Ho gaya har naujawan Taiyar marne ke liye
Apne jeewan ki kadar Karne ka ek awsar diya
Chaahe ab koi bhi ho Anjaam koi gham nahin
Haath ab sarkaar ki dukhti Ragon par dhar diya
Hukmraano sabr ka mat Imtihaan lena kabhi
Jab yuva jaaga to jo Chaaha wo usne kar diya
Sunil_Telang
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