Saturday, September 7, 2013

AARZOO


आरज़ू 

किसी  की आरज़ू बनकर,  किसी  का प्यार तुम पाओ 
किसी का ख्वाब बनकर, उसकी आँखों में समा जाओ 
कभी  जोर-ओ-ज़ुल्म  से दिल  ना  कोई  जीत पाओगे 
कभी उसकी रज़ा  को  भी समझकर ज़ब्त दिखलाओ 

 (रज़ा -Wish, ज़ब्त -Control, Toleration)

Sunil_Telang/07/09/2013

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