सुख दुःख
जिसको अपना दुःख सुनाने मैं चला
मुझसे भी ज्यादा दुखी मुझको मिला
छुप गई हैं राहतें जाने कहाँ
दर्द का चारों तरफ है सिलसिला
सुख की चाहत में गुजारें ज़िन्दगी
दुःख से रहता है सदा शिकवा गिला
किसलिए रहते हैं हम खुद से खफा
हर किसी के साथ दुःख का काफिला
जिसने दुःख हँसते हुये अपना लिया
मन्त्र खुश रहने का बस उसको मिला
जिसने दुःख हँसते हुये अपना लिया
मन्त्र खुश रहने का बस उसको मिला
Sunil_Telang/30/11/2012
No comments:
Post a Comment