Sunday, November 11, 2012

DEEPAWALI















दीपावली 

दीप कितने भी जलाना दिल किसी का ना जले 
घर को इतना ही सजाना दूसरों को ना खले 

है ख़ुशी उल्लास का त्यौहार ये दीपावली 
एक दूजे में बढाता  प्यार ये दीपावली 
प्रेम और सौहार्द का ये सिलसिला चलता चले 

धन की देवी लक्ष्मी यूँ ही विराजे सबके घर 
रिद्धि सिद्धि की कृपा से जगमगाये  हर नगर  
अन्न का भण्डार हो कोई भी भूखा ना  पले 

दौर है मंहगाई का कुछ खर्च पर हो नियंत्रण 
व्यर्थ में ही बम पटाखे को ना देना निमंत्रण 
आज से बस फुलझड़ी ,चकरी , अनारदाना चले 

कुछ अमीरों के लिए खुशरंग है दीपावली 
पर गरीबों के लिए कुछ तंग है दीपावली  
है दुआ, सबका अन्धेरा दूर हो, दीया जले 

Sunil_Telang/11/11/2012

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