दीपावली
दीप कितने भी जलाना दिल किसी का ना जले
घर को इतना ही सजाना दूसरों को ना खले
है ख़ुशी उल्लास का त्यौहार ये दीपावली
एक दूजे में बढाता प्यार ये दीपावली
प्रेम और सौहार्द का ये सिलसिला चलता चले
धन की देवी लक्ष्मी यूँ ही विराजे सबके घर
रिद्धि सिद्धि की कृपा से जगमगाये हर नगर
अन्न का भण्डार हो कोई भी भूखा ना पले
दौर है मंहगाई का कुछ खर्च पर हो नियंत्रण
व्यर्थ में ही बम पटाखे को ना देना निमंत्रण
आज से बस फुलझड़ी ,चकरी , अनारदाना चले
कुछ अमीरों के लिए खुशरंग है दीपावली
पर गरीबों के लिए कुछ तंग है दीपावली
है दुआ, सबका अन्धेरा दूर हो, दीया जले
Sunil_Telang/11/11/2012
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