Sunday, November 10, 2013

VISHWAAS



विश्वास

नाक  में  दम  कर दिया  है  लूट भ्रष्टाचार ने 
तोड़ डाली है कमर मंहगाई की  इस मार ने 

बाँट  रखा  है  दिलों  को  धर्म  की  दीवार ने 
तंत्र  पंगु  कर  दिया  है  वोट  के व्यापार  ने 

आदमी जब  बेबसी में  बैठा  हिम्मत हारने 
सामने  आया कोई   बन  के  मसीहा  तारने 

तू  ज़रा पहचान ले अब कौन  है अपना तेरा 
वक़्त आया  है  हकीकत ये  बने सपना तेरा 

इस  निराशा के भंवर में "आप" ही की आस  है 
"आप" के  ऊपर  टिका  इस देश का विश्वास है 

Sunil_Telang/10/11/2013

  



No comments:

Post a Comment