विश्वास
नाक में दम कर दिया है लूट भ्रष्टाचार ने
तोड़ डाली है कमर मंहगाई की इस मार ने
बाँट रखा है दिलों को धर्म की दीवार ने
तंत्र पंगु कर दिया है वोट के व्यापार ने
आदमी जब बेबसी में बैठा हिम्मत हारने
सामने आया कोई बन के मसीहा तारने
तू ज़रा पहचान ले अब कौन है अपना तेरा
वक़्त आया है हकीकत ये बने सपना तेरा
इस निराशा के भंवर में "आप" ही की आस है
"आप" के ऊपर टिका इस देश का विश्वास है
Sunil_Telang/10/11/2013
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