Thursday, November 28, 2013

SAANI


सानी

ज़माना कुछ भी  कहता हो तेरा  कोई नहीं सानी 
कोई  तो  बात  है  तुझमे हुई  जनता  ये  दीवानी 

बड़ी  उम्मीद  लेकर  ताकते  सब  तेरे  चेहरे  को
हज़ारों  साज़िशें  और  रंजिशें   हैं  आज  बेमानी 

लड़ाई न्याय और अन्याय की लड़ने  चला  है  तू  
डिगा सकता नहीं  कोई जो  तूने मन में  है ठानी 

नहीं हिम्मत किसी में जो मुकाबिल आ सके तेरे 
तेरे  इस  हौसले  को  देख   दुश्मन  मांगते  पानी 

खुदा है साथ तेरे वक़्त वो  भी  आयेगा  इक दिन 
तेरे  स्वराज  की  लौ   से  जहां  होगा  ये  नूरानी 

Sunil_Telang/28/11/2013






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