सानी
ज़माना कुछ भी कहता हो तेरा कोई नहीं सानी
कोई तो बात है तुझमे हुई जनता ये दीवानी
बड़ी उम्मीद लेकर ताकते सब तेरे चेहरे को
हज़ारों साज़िशें और रंजिशें हैं आज बेमानी
लड़ाई न्याय और अन्याय की लड़ने चला है तू
डिगा सकता नहीं कोई जो तूने मन में है ठानी
नहीं हिम्मत किसी में जो मुकाबिल आ सके तेरे
तेरे इस हौसले को देख दुश्मन मांगते पानी
खुदा है साथ तेरे वक़्त वो भी आयेगा इक दिन
तेरे स्वराज की लौ से जहां होगा ये नूरानी
Sunil_Telang/28/11/2013
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