स्वागतम
भुला कर ग़म के अँधेरे उजालों पर नज़र डालें
सजायें कुछ नये सपने नये कुछ काम कर डालें
मिली ये ज़िन्दगी यूँ ही नहीं गुमनाम जीने को
बने पहचान कुछ अपनी नया कुछ जोश भर डालें
ग़मों से ही गुज़र के रास्ते खुशियों के मिलते हैं
सफ़र की मुश्किलों से अब तो दो दो हाथ कर डालें
नहीं वो ख़ास थे जो रच गये इतिहास दुनिया में
कभी तो खूबियों पर भी ज़रा अपनी नज़र डालें
नये संकल्प लेकर फिर बढ़ायें हम कदम अपने
करें स्वागत नये इस वर्ष का कुछ रंग भर डालें
Sunil_Telang/01/01/2014
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