खुशियां बहुत मनाने को जी तो चाहता है
पर तेरे आंसुओं का ग़म भी मुझे पता है
दो तस्वीरें
इक तरफ है रौशनी में जगमगाता ये जहां
और कुछ सर्दी में ठिठुरे ढूंढ़ते हैं आशियाँ
जश्न भी है जाम भी है हर तरफ हैं मस्तियाँ
कोई बैठा आस लेकर मिल सकें दो रोटियां
साल बस आते रहे जाते रहे बदला न कुछ
फर्क बढ़ता जा रहा है बस हमारे दरमियां
आ रहा बदलाव की उम्मीद ले कर नववर्ष
है दुआ बस हर ख़ुशी मिलती रहे सबको यहाँ
Sunil_Telang/31/12/2013
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