Thursday, January 9, 2014

BHAROSA



भरोसा

हम तो ना  समझ पाये  ये राज नीति क्या  है 
हमने तो फकत जनता के दर्द  को  समझा है 

दो दिन का है ये ताज रहे आज या कल जाये 
जो  हमसे बना हमने  वो कर  के  दिखाया है 

वो  बाँट  रहे  देश  को  जातियों  औ  धर्मों  में 
क्या  भूख ग़रीबी से बड़ा  भी  कोई मसला है 

तुम हमको उठाओ या निगाहों से गिरा डालो
रुकते  नहीं  इंसान जिन्हें  खुद  पे  भरोसा है 

Sunil_Telang/09/01/2014








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