एकमत
अन्ना खुश हैं, देश हुआ नाराज़ अगर तो होने दो
ख़त्म हुआ अनशन भी अब दो घड़ी चैन से सोने दो
हुये एकमत आज सदन दोनों संसद के पहली बार
अन्ना की खातिर सबकी आँखों में उमड़ उठा है प्यार
पश्चाताप भरे नयनों को बस इक बार तो रोने दो
लोग अचम्भे में हैं, क्या माँगा था हमने, मिला है क्या
न्याय मिल गया फरियादी को तुझको शिकवा गिला है क्या
राजनीति का मूल मन्त्र खो गया अगर तो खोने दो
देश बड़ा है अपना सब को कैसे खुश हम रख पायेंगे
लोग सरफिरे भी है कुछ, जो अपनी टांग फँसायेंगे
हमें फिकर जनता की है , बहलाओ , नये खिलौने दो
Sunil _Telang /18/12/2013
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