नीयत
मिलेगा क्या हमें देखा कभी सोचा नहीं है
हमें अनुभव अभी कुछ राजनीति का नहीं है
नहीं ख्वाहिश हमारी थी कि सर पर ताज आये
मगर अब ये ज़रुरत है कोई धोखा नहीं है
ग़रीबी, भूख, भ्रष्टाचार, मंहगाई की चर्चा
करेगा क्या वो जो इस दौर से गुज़रा नहीं है
हमें तुम लालची, ज़िद्दी कहो, समझो या जानो
मगर आम आदमी अब देश का बच्चा नहीं है
नहीं अब वक़्त बातों का चलो कुछ कर दिखायें
हो नीयत साफ़ तो मुश्किल कोई रस्ता नहीं हैं
Sunil_Telang/14/12/2013
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