चिंगारी
सुलग उठी है चिंगारी ये बन के आग फैलेगी
ज़मीं से आसमां तक सबको अपनी हद में ले लेगी
हमें तिनके नहीं समझो जो उड़ जायें हवाओं में
ये दीवानों की टोली अब तो हर तूफ़ान झेलेगी
लड़ेगा देश का हर नौजवां हक़ की लड़ाई को
ना अब गैरों के हाथों में कोई तक़दीर खेलेगी
यकीं जिसने किया खुद पर सितारे की तरह चमका
तेरे ख़्वाबों की दुनिया भी हकीकत रूप ले लेगी
Sunil_Telang/12/12/2013
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