Thursday, December 12, 2013

CHINGAARI


चिंगारी

सुलग  उठी   है  चिंगारी  ये  बन   के  आग  फैलेगी 
ज़मीं से आसमां तक सबको अपनी हद में ले लेगी 

हमें  तिनके  नहीं  समझो जो  उड़ जायें हवाओं में 
ये  दीवानों की  टोली  अब  तो  हर  तूफ़ान झेलेगी

लड़ेगा  देश  का  हर  नौजवां  हक़  की  लड़ाई  को 
ना  अब  गैरों  के  हाथों  में  कोई   तक़दीर खेलेगी

यकीं जिसने किया खुद पर सितारे की तरह चमका
तेरे  ख़्वाबों  की दुनिया  भी  हकीकत रूप ले लेगी 

Sunil_Telang/12/12/2013






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