Sunday, December 15, 2013

SAMARTHAN



समर्थन 

अभी  ठहरो ज़रा क्यों  इस  कदर  बेताब  होते   हो 
कहा  क्या  आज  हमने आप  अपना  चैन  खोते हो 

हमें  नादाँ  समझते  हो तो  कोई  ग़म  नहीं  हमको 
मगर अपनी हिमाकत पर भला क्यों आज रोते हो 

सदा  करते  रहे   वादा  खिलाफी   आम  जनता  से
गया मौका तो अब किस के लिये आँखें  भिगोते हो 

समर्थन  दे  दिया  बेशर्त  तो  फिर  सोचना  है क्या 
फसल  वैसी   ही  तुम  पाओगे  जैसे  बीज  बोते  हो 

Sunil_Telang.15/12/2013

 





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