Thursday, July 17, 2014

SHAAYARI


शायरी

अब  किसी  से  दोस्ती   ना  दुश्मनी  अच्छी  लगे
साथ  हो  अपना  कोई  तो  हर  खुशी  अच्छी लगे  

शौक  था  उनका  मोहब्बत  हमने  माना ज़िंदगी 
जब  से  टूटा  दिल  जहां   की  बेरुखी अच्छी लगे 

ओढ़कर  अक्सर   मुखौटे   लोग  मिलते   हैं  यहाँ 
दिल से दिल मिल जाये ऐसी  सादगी अच्छी लगे 

कोई  होगा  ना  खफा , पहले   जुबां   को  तोलिये 
हँस  के  जो बोलो  तो  कड़वी बात भी अच्छी लगे 

कितने मोमिन,मीर,ग़ालिब नाम अपना कर गये 
जो  करे  दिल  पर  असर वो  शायरी  अच्छीे  लगे 

Sunil_Telang/17/07/2014









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