शायरी
अब किसी से दोस्ती ना दुश्मनी अच्छी लगे
साथ हो अपना कोई तो हर खुशी अच्छी लगे
शौक था उनका मोहब्बत हमने माना ज़िंदगी
जब से टूटा दिल जहां की बेरुखी अच्छी लगे
ओढ़कर अक्सर मुखौटे लोग मिलते हैं यहाँ
दिल से दिल मिल जाये ऐसी सादगी अच्छी लगे
कोई होगा ना खफा , पहले जुबां को तोलिये
हँस के जो बोलो तो कड़वी बात भी अच्छी लगे
कितने मोमिन,मीर,ग़ालिब नाम अपना कर गये
जो करे दिल पर असर वो शायरी अच्छीे लगे
Sunil_Telang/17/07/2014
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