Tuesday, July 29, 2014

JASHN


जश्न 

मुबारक बाद कैसे दें , कहीं खुशियाँ ,कहीं ग़म है 
कहीं पर  रक्तरंजित है ज़मीं , हर ओर मातम है 
कहाँ  बैठे अमन के ऐ खुदाओ, इक  नज़र डालो 
मनायें जश्न कैसे  ईद  का जब  आँख पुरनम है 

Sunil_Telang/29/07/2014

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