Thursday, July 31, 2014

SANSKRATI



संस्कृति

किस  लिये  शिक्षित  हुये ये बेकदर 
फिर  रहे  हैं  यूँ   भटकते   दर  बदर
संस्कृति  अपनी  जो अपनाते यहाँ
बन  गये  हैं बोझ  क्या  इस देश पर

अपनी भाषा का सहें अपमान क्यों 
हर जगह अंग्रेज़ियत का मान क्यों
हास   का   है  पात्र   राष्ट्र गान  क्यों 
क्या नहीं सरकार को   इसकी खबर 

कुछ   नये   बदलाव  जल्दी  लाइये  
नौनिहालों को  ना  अब  भटकाइये 
अपना  भारत  ना  बनाओ  इंडिया 
बाँट ना   दे  हम को  ये  मीठा ज़हर 

Sunil_Telang/31/07/2014

 



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