Main koi kavi ya shaayar nahin hoon, Bus jo bhi apne aas paas dekhta hoon ya apne saath ghat raha hai, usko shabdon me dhaalne ki koshish karta hoon.
Monday, June 30, 2014
KAHAANI
कहानी कब तक बैठें हम लिये अच्छे दिन की आस डगमग डगमग हो रहा जनता का विश्वास बढ़ी पेट्रोल और डीज़ल की फिर से कीमत धीरे धीरे टूट रही लोगों की हिम्मत आलू और प्याज लाये आँखों में पानी बदली है सरकार मगर है वही कहानी Sunil_Telang/30/06/2014
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