Tuesday, December 31, 2013

DO TASWEEREN


खुशियां बहुत मनाने को जी तो  चाहता है 
पर तेरे आंसुओं  का  ग़म  भी मुझे  पता है 

दो तस्वीरें 

इक  तरफ  है रौशनी  में जगमगाता ये जहां 
और  कुछ  सर्दी  में  ठिठुरे  ढूंढ़ते  हैं आशियाँ 

जश्न भी है जाम  भी  है हर तरफ हैं मस्तियाँ 
कोई  बैठा आस लेकर मिल  सकें  दो रोटियां

साल  बस  आते  रहे जाते  रहे बदला न कुछ 
फर्क  बढ़ता  जा रहा  है  बस  हमारे दरमियां 

आ  रहा  बदलाव  की उम्मीद ले कर नववर्ष
है दुआ बस हर ख़ुशी मिलती रहे सबको यहाँ 

Sunil_Telang/31/12/2013  



  





Monday, December 30, 2013

SAADGI


सादगी

चलन  बदला  ज़माने   का   नई  तहज़ीब  आई   है 
तेरी   इस  सादगी  पर  सारी  दुनिया मुस्कुराई  है 
बुलंदी  पर   हैं   तेरा  हौसला और आसमां  मंज़िल 
हर इक आम आदमी के दिल में तूने छवि बनाई है 

Sunil _Telang /30/12/2013


Sunday, December 29, 2013

MUQADDAR


मुक़द्दर


Muqaddar  se  apne  Khafa  ho  na  itna 
Koi  tujhse  zyada  bhi  Ghamgeen hoga
Jo  tujhko  mila  hai Wo  kafi samajh  le
Ye aalam ghamon ka bhi Rangeen hoga 

मुक़द्दर  से  अपने  खफा  हो  ना  इतना 
कोई  तुझसे  ज्यादा  भी ग़मगीन होगा 
जो तुझको मिला है वो काफी समझ ले 
ये   आलम  ग़मों   का  भी  रंगीन  होगा 

Sunil_Telang/29/12/2013



Friday, December 27, 2013

AAYEGA SWARAAJ




आयेगा  स्वराज 

दीप   उम्मीदों   के  जलते  जा  रहे  हैं 
रुख   हवाओं   के  बदलते  जा   रहे  हैं 

आ गया  है राज अब आम आदमी का
गर्दिशों   के  साये   ढलते   जा   रहे  हैं

अपनी ज़िद में राज सिंहासन लुटा के 
कुछ  सयाने  हाथ  मलते  जा  रहे   हैं 

मच  गया   हड़कम्प  भ्रष्टाचारियों  में 
तिकड़मों   के  दौर  चलते  जा  रहे  हैं 

आयेगा    स्वराज      देखेगा  ज़माना 
ख्वाब अब आँखों में पलते  जा  रहे हैं 

Sunil_Telang/27/12/2013




Thursday, December 19, 2013

BOJH



बोझ 

बोझ   मैं    था   बता  दिया  होता 
बेवफाई   का    ना    ग़ुमां    होता 

दो कदम चल के लौटना था तुम्हें 

कैसे   मंज़िल   का  फैसला  होता 

तेरी फुरकत का ग़म भी सह लेता 

पास  में   दिल   जो   दूसरा  होता 

बात  तेरे  भी  दिल  की  सुन लेता  
काश  ये   दिल   ना  बेजुबां   होता 

अपनी उल्फत पे  नाज़  मैं करता 
साथ    तेरा   अगर   मिला   होता 

Sunil_Telang/19/12/2013





Wednesday, December 18, 2013

EKMAT



एकमत

अन्ना   खुश   हैं,  देश   हुआ   नाराज़  अगर  तो   होने  दो 
ख़त्म   हुआ  अनशन  भी  अब  दो  घड़ी  चैन  से  सोने  दो

हुये   एकमत  आज   सदन  दोनों  संसद  के  पहली   बार  

अन्ना  की  खातिर सबकी  आँखों में उमड़  उठा  है  प्यार 
पश्चाताप   भरे  नयनों   को   बस   इक  बार  तो  रोने  दो 

लोग  अचम्भे  में  हैं,  क्या  माँगा  था  हमने,  मिला  है  क्या  
न्याय मिल गया फरियादी को तुझको शिकवा गिला है क्या 
राजनीति   का   मूल  मन्त्र  खो   गया  अगर  तो  खोने   दो 

देश  बड़ा  है  अपना  सब  को  कैसे  खुश   हम  रख  पायेंगे 
लोग  सरफिरे  भी   है   कुछ,   जो   अपनी   टांग  फँसायेंगे 
हमें   फिकर  जनता  की   है , बहलाओ , नये   खिलौने  दो 

Sunil _Telang /18/12/2013





Sunday, December 15, 2013

SAMARTHAN



समर्थन 

अभी  ठहरो ज़रा क्यों  इस  कदर  बेताब  होते   हो 
कहा  क्या  आज  हमने आप  अपना  चैन  खोते हो 

हमें  नादाँ  समझते  हो तो  कोई  ग़म  नहीं  हमको 
मगर अपनी हिमाकत पर भला क्यों आज रोते हो 

सदा  करते  रहे   वादा  खिलाफी   आम  जनता  से
गया मौका तो अब किस के लिये आँखें  भिगोते हो 

समर्थन  दे  दिया  बेशर्त  तो  फिर  सोचना  है क्या 
फसल  वैसी   ही  तुम  पाओगे  जैसे  बीज  बोते  हो 

Sunil_Telang.15/12/2013

 





HAUSLA


हौसला

गुज़र  जायेगी  ये  भी  रात  थोड़ा  हौसला रखना
बदल  जायेंगे  ये   हालात  थोड़ा   हौसला  रखना
नतीजा चाहे कुछ भी निकले तेरा जीतना तय है 
तेरे बस  में  नहीं   ये  बात  थोड़ा  हौसला  रखना 

Sunil _Telang 07/12/2013

Saturday, December 14, 2013

NEEYAT


नीयत

मिलेगा  क्या  हमें  देखा  कभी   सोचा  नहीं   है 
हमें  अनुभव  अभी  कुछ राजनीति  का नहीं है 

नहीं ख्वाहिश हमारी थी कि सर पर ताज आये
मगर  अब  ये  ज़रुरत  है  कोई  धोखा  नहीं   है

ग़रीबी,   भूख,   भ्रष्टाचार,   मंहगाई    की   चर्चा   
करेगा क्या  वो  जो  इस  दौर से गुज़रा नहीं  है

हमें तुम लालची, ज़िद्दी कहो, समझो  या जानो 
मगर आम  आदमी  अब देश  का बच्चा नहीं है 

नहीं अब वक़्त बातों का चलो कुछ कर दिखायें 
हो नीयत साफ़ तो मुश्किल कोई  रस्ता नहीं हैं 

Sunil_Telang/14/12/2013










Thursday, December 12, 2013

CHINGAARI


चिंगारी

सुलग  उठी   है  चिंगारी  ये  बन   के  आग  फैलेगी 
ज़मीं से आसमां तक सबको अपनी हद में ले लेगी 

हमें  तिनके  नहीं  समझो जो  उड़ जायें हवाओं में 
ये  दीवानों की  टोली  अब  तो  हर  तूफ़ान झेलेगी

लड़ेगा  देश  का  हर  नौजवां  हक़  की  लड़ाई  को 
ना  अब  गैरों  के  हाथों  में  कोई   तक़दीर खेलेगी

यकीं जिसने किया खुद पर सितारे की तरह चमका
तेरे  ख़्वाबों  की दुनिया  भी  हकीकत रूप ले लेगी 

Sunil_Telang/12/12/2013






Saturday, December 7, 2013

BUNIYAAD


बुनियाद

नहीं  फुर्सत किसी को जो उठा के इक नज़र देखें 
गुज़रता  है  यूँ  ही  बचपन  इधर  देखें  उधर देखें 
बड़ी  उम्मीद से  सब  देखते   हम नौनिहालों को 
बिना  बुनियाद  के   कैसे  ठहर  पायेंगे   घर देखें 

Sunil_Telang/07/12/2013


Wednesday, December 4, 2013

NATEEJA


नतीजा 

नतीजा सब्र  और मेहनत का तेरे हक़ में आयेगा 
हुकुमरानों   पे   तेरा  वार  ये  खाली  ना  जायेगा 
अभी सत्ता  के मद में हैसियत तेरी न जो समझा   
यही आम आदमी अब ख़ास बनकर राज पायेगा 

Sunil_Telang/04/12/2013

ILTIZA

इल्तिज़ा

किस  कदर जनता की  थी  उनको फिकर ये देखिये  
ड्राई    डे    में    लोग   थे    बेचैन    दारु    के   लिये  
कर   दिया  सबका गला  तर जान जोखिम में  लिये
इल्तिज़ा  इतनी  सी  थी  बस  वोट हम  को दीजिये 

Sunil _Telang


Tuesday, December 3, 2013

NABZ


नब्ज़ 

नब्ज़  जनता  की  समझ पाते  नहीं  हैं 
फिर  भी  कुर्सी  छोड़कर  जाते  नहीं  हैं 

खुद  ही  लड़ना  है  तुझे  अपनी  लड़ाई 
वो  कभी  ज़ख्मों  को  सहलाते नहीं  हैं 

रोज़  मिलते  हैं  लगा कर इक  मुखौटा 
असलियत अपनी वो दिखलाते नहीं हैं 

दूसरों  की  ग़लतियाँ   रहतीं  जुबां  पर 
दाग  अपने  तो  नज़र   आते   नहीं   हैं 

जानकर फिर भी उन्हें सर  क्यों चढ़ायें 
दुःख  में  तेरे   काम  जो  आते  नहीं  हैं 

Sunil_Telang/03/12/2013

Sunday, December 1, 2013

KUNDAN


कुन्दन 

अभी तक ना समझ पाये जो उनका कौन अपना है 
तेरा  स्वराज  तो उन  के  लिये  बस  एक  सपना है 

लुटायेंगे  जो  अपना वोट  धन  के  लोभ लालच  में 
उन्हें  फिर पांच बरसों तक यूँ  ही  रोना कलपना है 

ज़रा  पहचान  लो  जो  आज दिखलाते   हैं  हमदर्दी  
बगल  में  इक  छुरी रख कर जुबां से राम जपना है 

दिखावे  की  चमक  पाकर नहीं  कुन्दन हुआ  कोई 
उसे  सूरज  की  गर्मी  में  भी  पहले  रोज़  तपना  है  

Sunil _Telang / 01/12/2013