साथ तेरा
साथ तेरा नहीं मिला मुझको
फिर भी चलने से मैं नहीं डरता ।
सिर्फ एहसास का सहारा है,
दर्द -ए- दिल की दवा नहीं करता ।
जिंदगी के कठिन, सफ़र के लिए
यूँ तो इक हमसफ़र ज़रूरी है ।
तेरी यादों का सहारा लेकर
तेरी यादों का सहारा लेकर
बनी नजदीकियां , ये दूरी है।
तुझको हर वक़्त याद करने से
फिर भी क्यों, दिल मेरा नहीं भरता ।
लोग मिलते हैं, साथ चलते हैं
और इक रोज़ बिछड़ जाते हैं|
फूल खुशबू बिखेर कर, इक दिन
बाग की तरह, उजड़ जाते है |
फूल खुशबू बिखेर कर, इक दिन
बाग की तरह, उजड़ जाते है |
यही दस्तूर है इस कुदरत का
फिर भी दिल क्यों, यकीं नहीं करता |
skt/06/04/2012
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