Thursday, July 11, 2013

MUKHAUTA




MUKHAUTA

Mukhauta odh kar jeete hain Jo insaan duniya me 
Bana paaye na wo apni Kabhi pehchaan duniya me

Hansi chehre pe dikhti hai Magar dil badgumani me
Dikhaate  rahte hain wo roz Jhoothi shaan duniya me

Ye Dhan Daulat, Mahal, Logon ke dil na jeet payenge 
Zamee par aa gaya Jisne kiya abhimaan duniya me  

Zarooratmand logon ke dukhon ko Jisne apnaaya 
Mila hai bus usi ko Maan aur Samman duniya me 


मुखौटा ओढ़कर मिलते हैं जो इंसान दुनिया में 

बना पाये न वो अपनी कभी पहचान दुनिया में 


हँसी चेहरे पे दिखती है मगर दिल बदगुमानी में 

दिखाते रहते हैं वो रोज़ झूठी शान दुनिया में 


ये धन दौलत, महल लोगों के दिल ना जीत पायेंगे 

ज़मी पर आ गया जिसने किया अभिमान दुनिया में 


नसीहत रोज़ दे के जो अमल खुद पर नहीं करते 
 
तमाशा बन गये धरती के ये भगवान दुनिया में 


ज़रूरतमंद लोगों के दुखों को जिसने अपनाया
 
मिला है बस उसी को मान और सम्मान दुनिया में 


Sunil_Telang /11/07/2013


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