Friday, July 12, 2013

EK CHHAT


EK CHHAT

दल  बदलते  बदलते  दिल  भी बदलते जा रहे  हैं 
देश की जनता को हंसकर लोग छलते जा  रहे हैं 

अब  ना  कोई  नीति  है  ना  अब  कोई आदर्श  है 
सिर्फ सत्ता की चमक में  मन  पिघलते  जा रहे हैं 

कल  के  दुश्मन  आज  बांहों  में लिये  हैं बांह को 
रास्ते तो  हैं  अलग  पर  साथ  चलते  जा  रहे  हैं 

राजनीति   में   न   कोई    दुश्मनी   ना    दोस्ती
एक  छत  के साये  में  सब लोग पलते जा रहे  हैं  

जो ना समझे उनको जनता एक दिन समझायेगी 
याद रक्खो  लोग  अब घर से निकलते जा रहे हैं 

Sunil_Telang/12/7/2013  


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