Wednesday, July 31, 2013

PAANI PAANI



PAANI PAANI

Ghar ghar se aa rahi thi awaaz, De do paani 
Sun li dua khuda ne Aai hai barkha rani
Dekho shahar hamara kaise hai Paani Paani

Toota kahar ye kaisa Kya aasmaa khafa hai
Ghar me ho ya sadak par Har koi ghamzada hai
Har saal baarishon me Banti yahi kahaani

Naalon ke raaston par jab Bastiyan basa di
Laalach me aake humne kitni Zamin lutaa di
Naqsha badal gaya hai Kaisi ye Rajdhaani

Sookha pada kahin par Kahin baadh ka hai manjar
Gussa prakriti dikhati hai Har galat kadam par
Seekhen sabak samay se Ye chhod ke naadani

Dekho shahar hamara kaise hai Paani Paani

Sunil_Telang














Tuesday, July 30, 2013

DOHE



दोहे 

समझ सको  तो  है यही  इस जीवन का सार 
प्रेम भाव  से   जो  मिले  कर  लेना  स्वीकार 

मिल जाये ये सल्तनत, ख्वाहिश का  ना अंत 
दो  कपड़ों  में  भी  प्रसन्न  देखे  कितने  संत 

तेरा   मेरा  रोज़   कर  जीवन  दिया  बिताय

जो तुझ पर अर्पण करे जनम सफल हो जाय  

धन- दौलत, ऊंचे महल, सुख  के  ना  पर्याय 
चंचल मन  की  शान्ति जीवन में सुख  लाय

अपनी अपनी सोच है , अपना  अपना  राग
करो  भलाई  दीन   की  खुल  जायेंगे  भाग       

Sunil_Telang/30/07/2013
           







ZINDAGI



ज़िन्दगी 

फ़र्ज़  और  ईमान  पर कुर्बान  होती  ज़िन्दगी 
लीक से हटकर बनी पहचान  खोती  ज़िन्दगी
भूल कर सपने नये,खुशियों को ग़म के गर्त में 
अपने सूरते-हाल पर आंसू  भिगोती ज़िन्दगी 

Sunil_Telang/30/07/2013

Friday, July 26, 2013

KARISHMA


करिश्मा 

छोटी सी एक चींटी दिखला रही  करिश्मा 
शायद बना रही है  घर अपना  आसमां  में 
रखते हैं जो भरोसा खुद अपने बाजुओं  पर 
उनके लिए असम्भव  कुछ भी नहीं जहां में 

Sunil_Telang/26/07/2013









Saturday, July 20, 2013

CHAMAN



चमन 

उनके  चेहरे  पर   नहीं  आती  शिकन 
अपनी अपनी  फ़िक्र  में  सब  हैं मगन 
हो   रहा  जो  देश   में, होने   भी   दो 
सीख ले कुछ  तू भी दुनिया का चलन 

ज़ुल्म ,  अत्याचार,   कत्ले- आम  हो
नारियों    की    आबरू    नीलाम   हो 
तुझको  अपने  काम  से  बस काम हो
क्यों  उदासी  से  भरा   है  तेरा   मन  

देश   की   जनता  भुलक्कड़   है  बड़ी 
फैसले   की   जब   भी   आयेगी  घडी 
जब   घुमायेंगे   वो   जादू   की   छड़ी 
फिर  उन्ही   के   हाथ   में  देंगे वतन 

चक्र   ये   चलता    रहेगा   उम्र    भर 
जब  तलक तू  हो  नहीं  जाता  निडर 
छोड़  दे  अब  राग धर्म-ओ-जात  का
देश अपना फिर से  बन  जाये  चमन 

Sunil_Telang/20/07/2013










Friday, July 19, 2013

ITIHAAS


ITIHAAS 

Sochte to hain bahut Par kuchh nahi kar aate hain
Log ab kuchh bhi naya Karne se hi dar jaate hain

Haadse to ban gaye hain Ab niyati insaan ki
Log roti ki fikar me Jeete ji mar jaate hain

Jaaye ti\o jaaye kahan insaan Batla de koi 
Jaan hatheli par liye Bhagwan ke dar jaate hain

Aayega koi maseeha ban ke Shaayad ek din
Bus yahi khyaalat dil ko Befikar kar jaate hain

Zindagi to naam hai sangharsh ka Darte ho kyon 
Ladne wale log hi Itihaas likh kar jaate hain

सोचते  तो  हैं  बहुत  पर  कुछ  नहीं कर पाते  हैं 
लोग अब कुछ भी नया करने से ही  डर जाते  हैं 

हादसे  तो  बन  गये  हैं  अब  नियति इंसान  की  

लोग  रोटी  की  फिकर में  जीते जी मर जाते हैं

जाये   तो   जाये   कहाँ  इंसान  बतला   दे  कोई  

जां  हथेली  पर  लिये  भगवान  के  दर जाते  हैं 

आयेगा  कोई  मसीहा बन  के शायद  एक  दिन 

बस यही ख्यालात दिल को बेफिकर कर जाते हैं  

ज़िन्दगी  तो  नाम है संघर्ष का , डरते हो क्यों   

लड़ने वाले लोग  ही इतिहास लिख कर जाते हैं 

Sunil_Telang/19/07/2013





Thursday, July 18, 2013

PUNARJEEWAN


पुनर्जीवन 

न जाने थी खता किसकी, जो ले गई, छीन के बचपन 
बदहवासी  का  आलम  है , मचा  है  हर तरफ क्रंदन

अभी  तफ्तीश जारी  है,  करो  ना  शोर गुल  इतना 
अभी  सरकार खुद  अपना  बचाने  में  लगी   दामन   

ग़रीबों  के  लिये  तो  ज़िन्दगी  है   मौत   से  बदतर 
ये  साज़िश  हो या  दुर्घटना,  मिलेगा  ना पुनर्जीवन 

Sunil_Telang/18/07/2013

Tuesday, July 16, 2013

SITAM



SITAM

Wo sitam karte rahenge
Zulm jab tak hum sahenge 
Kaat loge tum jubaan, Par 
Baat jo sach hai, Kahenge

Wo  hakeekat ko chhupa len
Chaahe jitne jhooth gadh ke
Nyaay ki hai ye ladaai 
Ye junoon bolega chadh ke 

Zyaadti kitni karo , Na 
Ashq aankhon se bahenge 

Sunil_Telang/16/07/2013


Monday, July 15, 2013

DEEPAK



दीपक 

Is kadar Zulmo-Sitam na dhaaiye
Bekason par gaur kuchh farmaaiye

Bhool kar Menhgai Bhrashtachar ko 
Aam janta ko na yun bahlaaiye

Fir bahas kar lenge Jaati Dharm ki
Mool muddon par to pahle aaiye

Chha raha gham ka andhera chaarsu
Ban ke Deepak raah kuchh dikhlaaiye

Har samay majbooriyan achchhi nahi
Apni kuchh pehchan bhi batlaaiye

Sunil_Telang

इस  कदर ज़ुल्मो-सितम ना ढाइये 
बेकसों  पर  गौर   कुछ  फरमाइये 

भूल   कर  मंहगाई , भ्रष्टाचार  को 
आम जनता  को  न  यूँ   बहलाइये

फिर बहस कर लेंगे जाति  धर्म की 
मूल  मुद्दों   पर   तो   पहले  आइये 

छा   रहा  ग़म  का  अँधेरा  चारसू 
बन के दीपक राह कुछ दिखलाइये 

हर  समय मजबूरियां अच्छी नहीं 
अपनी कुछ पहचान भी बतलाइये 

Sunil_Telang/15/07/2013













Saturday, July 13, 2013

VIDAA


VIDAA

सबको पता है  इक  दिन  जाना  है आदमी को 
फिर मौत क्यों सताती रहती है  ज़िन्दगी  को  
हँसते  हुये  विदा   जो   होते   हैं  इस  जहां  से 
अक्सर  बहुत  रुला  के जाते  हैं हर किसी  को 

Sabko pata hai ik din Jaana hai Aadmi ko
Fir maut kyon satati Rahti hai Zindagi ko
Hanste huye vida jo Hote hain is jahaan se
Aksar bahut rula ke jaate Hain har kisi ko

Sunil_Telang/13/07/2013

Friday, July 12, 2013

PRAAN


PRAAN 

प्राण जी  तुम  कर  गये  उपकार ऐसा 
अब न होगा फिर कोई किरदार ऐसा 
आपकी  आवाज़  और अंदाज़ पर  ही 
सारी  दुनिया  ने  लुटाया प्यार ऐसा 

याद तुम  आते  रहोगे  हर किसी  को 
दिल में तुमने कुछ जगह ऐसी बनाई 
ये ज़मी खामोश,चुप  है  आसमा भी 
अश्रु पूरित  आँख   से    देते   विदाई 

Sunil_Telang/12/07/2013

EK CHHAT


EK CHHAT

दल  बदलते  बदलते  दिल  भी बदलते जा रहे  हैं 
देश की जनता को हंसकर लोग छलते जा  रहे हैं 

अब  ना  कोई  नीति  है  ना  अब  कोई आदर्श  है 
सिर्फ सत्ता की चमक में  मन  पिघलते  जा रहे हैं 

कल  के  दुश्मन  आज  बांहों  में लिये  हैं बांह को 
रास्ते तो  हैं  अलग  पर  साथ  चलते  जा  रहे  हैं 

राजनीति   में   न   कोई    दुश्मनी   ना    दोस्ती
एक  छत  के साये  में  सब लोग पलते जा रहे  हैं  

जो ना समझे उनको जनता एक दिन समझायेगी 
याद रक्खो  लोग  अब घर से निकलते जा रहे हैं 

Sunil_Telang/12/7/2013  


Thursday, July 11, 2013

UJLI RAAT




UJLI RAAT

चल  मुकद्दर  से  ज़रा   दो   हाथ   कर   लें 
अपनी  किस्मत  आज अपने साथ कर लें  

मुश्किलों  का   हँसते   हँसते   सामना  हो   
जोश   में    डूबे    हुये   ख्यालात   कर   लें  

ज़िन्दगी  गैरों   के   दम  पर  क्यों   गुजारें 
अपने  वश  में  अपने  सब हालात  कर लें 

आ  गया  है फिर सुअवसर,  खो   ना  देना 
AAP और हम मिल के उजली रात कर लें  

Sunil_Telang/10/07/2013

MUKHAUTA




MUKHAUTA

Mukhauta odh kar jeete hain Jo insaan duniya me 
Bana paaye na wo apni Kabhi pehchaan duniya me

Hansi chehre pe dikhti hai Magar dil badgumani me
Dikhaate  rahte hain wo roz Jhoothi shaan duniya me

Ye Dhan Daulat, Mahal, Logon ke dil na jeet payenge 
Zamee par aa gaya Jisne kiya abhimaan duniya me  

Zarooratmand logon ke dukhon ko Jisne apnaaya 
Mila hai bus usi ko Maan aur Samman duniya me 


मुखौटा ओढ़कर मिलते हैं जो इंसान दुनिया में 

बना पाये न वो अपनी कभी पहचान दुनिया में 


हँसी चेहरे पे दिखती है मगर दिल बदगुमानी में 

दिखाते रहते हैं वो रोज़ झूठी शान दुनिया में 


ये धन दौलत, महल लोगों के दिल ना जीत पायेंगे 

ज़मी पर आ गया जिसने किया अभिमान दुनिया में 


नसीहत रोज़ दे के जो अमल खुद पर नहीं करते 
 
तमाशा बन गये धरती के ये भगवान दुनिया में 


ज़रूरतमंद लोगों के दुखों को जिसने अपनाया
 
मिला है बस उसी को मान और सम्मान दुनिया में 


Sunil_Telang /11/07/2013


Tuesday, July 9, 2013

NAADANI



NAADANI

ना     आदमी    रहे     ना     इंसान    ही    रहे 
कुछ   लोग   ज़िन्दगी    भर  नादान   ही   रहे 

धन धान्य  शानो शौकत की कुछ कमी  न थी 
दिल    में    मगर   अधूरे   अरमान    ही    रहे 

लायेगी  एक  दिन उन  को अर्श  से  ज़मी  पर 
वो    जानते    हुये    भी    अनजान   ही    रहे 

दिल  में  फरेब  रख  कर लेते जो नाम  रब का 
जन्नत   मिली   ना    उनके   ईमान   ही  रहे 

इक  उम्र  हो  गई  है  अब  तो  सुधर भी जाओ 
दुनिया  में  नाम   की  कुछ  पहचान   ही   रहे 


Na     aadmi    rahe    na     Insaan     hi     rahe 
Kuchh  log  zindagi   bhar  Naadan hi    rahe 

Dhan Dhaany Shaan-o-Shaukat ki Kuchh kami na thi
Dil   me   magar   adhoore  Armaan  hi   rahe

Laayegi  ek  din  un  ko  Arsh  se  zamee par 
Wo   jaante   huye   bhi    Anjaan    hi    rahe 

Dil me fareb rakh kar Lete jo naam rab ka 
Jannat     mili    na    unke    Imaan   hi    rahe 

Ik  umr  ho  gai  hai  Ab  to  sudhar  bhi  jaao 
Duniya me naam ki kuchh pehchaan hi rahe 

Sunil_Telang/09/07/2013

MUQADDAR


मुक़द्दर 

ऐ मुक़द्दर कब तलक मुझसे रहेगा यूँ खफा
रास्ते तो और भी थे पर चुनी मैंने वफ़ा

ग़म नहीं तू दूर है मुझसे मगर इतना बता
क्या खता थी बन गई क्यों ज़िन्दगी मेरी सजा 


Sunil_Telang/30/08/2012

Sunday, July 7, 2013

TERI KHUSHI




तेरी ख़ुशी

तड़पेंगे तेरी याद में मालूम था फिर भी 
तेरी ख़ुशी की खातिर तन्हा मैं जी रहा हूँ 

दूर   मुझसे    रहो,  है    गवारा    मुझे 
पर किसी और के, तुम न होना कभी 
खुश रहो तुम सदा, है यही  बस  दुआ 
याद कर  के मुझे, तुम न  रोना कभी 

Tadpenge teri yaad me Maaloom tha fir bhi
Teri khushi ki khaatir Tanha main ji raha hun

Door mujh se raho Hai gawara mujhe 
Par kisi aur ke Tum na hona kabhi 
Khush raho tum sada Hai yahi bus dua
Yaad kar ke mujhe Tum na rona kabhi 

नज़र आने लगी मंजिल मिला है आप सा अपना 
भरोसा   है  बनायेंगे   हकीक़त  आप  का  सपना 

Sunil_Telang





Saturday, July 6, 2013

WAZOOD



WAZOOD

मुझको नहीं पता है तेरा वजूद क्या है 
पर आज तूने सबको मजबूर कर दिया है 

Mujh ko nahi pata hai Tera wazood kya hai
Par aaj toone sabko Majboor kar diya hai

Sunil_Telang

Chale to the sanwaar lenge zindagi apni 
Magar luta ke chale aaye har khushi apni

Kisi  ne  jaan  luta di Kisi ne ghar apna 
Bani shikaar Siyasat  ki  khaak bhi apni

Tamasha aur na karna Khuda ke ae bando
Tumhare dum se na beetegi zindagi apni 

Sunil_Telang
  


















AAPDA


AAPDA

Jeete  ji  insaan  ko  Marta  bilakhta  chhod  kar
Apni apni fikr me hain vyast  Sab munh mod kar 
Aapda  par  hans  rahe  Besharmiyon ko odh kar 
Kar  rahe  hain  log  vinti   Haath   apne  jod  kar 

Sunil_Telang/06/07/2013

Wednesday, July 3, 2013

LADAAI




LADAAI


Poochh apne aap se ik baar bhaai
Kyon ye vipda aaj tere sar pe aai
Thaam ke baitha hai jiski rehnumaai
Kya ladenge wo kabhi teri ladaai 

Saamne tere watan lutta hai tera
Par tujhe bus apni hi chinta ne ghera  
Apne dukh ko maan kar kismat ka fera 
Unke maathe par shikan koi na aai

Kis liye ab kar raha shikwa gila hai
Jo bhi boya hai wahi tujhko mila hai 
Apne haathon se bana taqdeer apni
Apni taaqat ko zara pehchaan Bhai

Sunil_Telang/03/07/2013

SILSILA


SILSILA 


लुट गई दुनिया किसी की, घर किसी का 
शोक मन  जायेगा  फिर बस दो घडी का 
फिर  नया  इक  हादसा  होगा  कहीं का 
सिलसिला  यूँ   ही  चलेगा  ज़िन्दगी का 

किसको  है  फुरसत यहाँ  मातम  मनाये 
जब  तलक  खुद  पे  ना  कोई  बात आये 
दूसरों   के    दुःख   सभी   लगते   पराये 
हो गया  कितना पतन   अब आदमी का 

कब तलक हम दोष यूँ  किस्मत  को देंगे
लाल   माँ   के   कब  तलक  खोते  रहेंगे 
हादसे     बस   रोज़    यूँ    होते     रहेंगे  
क्या अभी तक कुछ सबक हमने ना सीखा 

Sunil_Telang/03/07/2013


Monday, July 1, 2013

NA RUKENGE


NA RUKENGE

हौसले   टूटे   नहीं   हैं  बुजदिलों   के   वार  से 
इन्किलाबी  ना  रुकेंगे  ज़ुल्म  अत्याचार   से 
जो हथेली  पर लिये  रखते हैं अपनी जान को 
वो  कभी  डरते  नहीं  हैं  तीर  से   तलवार से 

कितने   लोगों   के   लिये   आदर्श   तेरा   बांकपन 
मुश्किलों में डाले रखती है तू अपना जान-ओ-तन 
बस  यही  ख्वाहिश  बनेगा  देश  ये फिर  से चमन 
तेरी  हिम्मत,  हौसले  को  हम  सभी करते नमन 

Hausale toote nahi  hain Buzdilon ke vaar se
Inkilaabi    na   rukenge  Zulm  Atyaachar  se  
Jo hatheli par liye  Rakhte hain apni jaan ko
Wo kabhi darte nahi hain Teer se Talwaar se 

Kitne   logon   ke    liye   Adarsh    tera     Baankpan
Mushqilon me daale rakhti hai Tu apna Jaan-o-Tan
Bus yahi khwaahish Banega desh ye fir se chaman
Teri Himmat, Hausale ko Hum sabhi karte naman

Sunil_Telang / 01/07/2013