Saturday, May 31, 2014

KHUSH RAHIYE


खुश रहिये

मसर्रत  के दिनों  को  याद  करिये  और  खुश  रहिये
कोई उजड़ा सा  घर आबाद करिये  और  खुश  रहिये

रुलाते  हैं  तुझे  जो , उन पलों  को  याद  करना क्या 
ग़मों  से  ज़िन्दगी  आज़ाद  करिये  और खुश  रहिये

ये  धन  दौलत ,महल के ख्वाब तुझको  चैन ना  देंगे 
मोहब्बत से जहां  दिलशाद करिये   और खुश  रहिये

सफल अपना जनम कर ले किसी का दर्द अपना कर 
किसी  के दिल में बन के याद रहिये  और खुश रहिये

(मसर्रत -Happiness,  दिलशाद - cheerful)

Sunil_Telang/31/05/2014

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