सोने की चिड़िया
बड़ी उम्मीद है तुमसे, सभी को आसरा देना
कहा तुमने जो लफ़्ज़ों में, सही कर के दिखा देना
कठिन है रास्ता, भय और चिन्ता का बसेरा है
उजाले की किरन बन कर, अंधेरों को मिटा देना
अभी भी भूख, लाचारी, ग़रीबी में घिरा इन्सां
न कोई बेसहारा अब हो, ज़ख्मों की दवा देना
न कर पाये वतन की अस्मिता पर चोट अब कोई
नज़र नापाक जो डाले, सबक उनको सिखा देना
लुटी है सम्पदा इस देश की अपने ही हाथों से
ये अपना देश तुम सोने की फिर चिड़िया बना देना
Sunil_Telang/20/05/2014
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