तूफ़ान
लोग हैरान परेशान यहां रहते हैं
कैसे माहौल मे इन्सान यहां रहते हैँ
उजड़ गया है चमन बागबान सोया हैं
लोग कहते थे निगहबान यहाँ रहते हैं
कभी अपना था वतन लोग भी अपने थे यहॉं
आजकल सिर्फ़ हुकुमरान यहॉं रहते हैँ
फैसले रोज़ हुये, न्याय मगर होता नहीं
संविधानों के कदरदान यहां रहते हैं
हो गया सर्द लहू सब का,जुबां खुलती नहीं
लोग दिल में लिये तूफ़ान यहां रहते हैँ
Sunil_Telang/03/05/2014
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