मुस्कुराते जाइये
रोज़ हँसिये और लोगों को हँसाते जाइये
चाहे ग़म हो या ख़ुशी बस मुस्कुराते जाइये
भूलकरअपनों को तुमने धन कमाया,क्या मिला
कुछ दुआयें भी बुज़ुर्गों की कमाते जाइये
और भी हैं लोग दुनिया में, नहीं जिनका कोई
उनको अपना के नसीब अपना बनाते जाइये
हादसे तो बन गये हैं अब नियति इंसान की
हौसला रखिये , गिले शिक़वे भुलाते जाइये
पाआगे तुम एक दिन तक़दीर में लिखा हुआ
ले के रब का नाम किस्मत आज़माते जाइये
Sunil_Telang/25/02/2014
No comments:
Post a Comment