Tuesday, February 25, 2014

FURSAT



फुर्सत

दो  घडी  फुर्सत नहीं  है  अब  किसी  को 
क्या  बना  बैठे  हैं  अपनी  ज़िन्दगी  को

है बहुत कुछ पास अपने फिर भी कम है 

जाने क्या क्या चाहिये  इस आदमी  को 

आधुनिकता  का   असर  कैसा  हुआ  है 
भूल   बैठे  लोग   अपनी   सर ज़मीं  को 

बेवजह   भी   लोग   चलते   जा   रहे   हैं 
होड़  है  आगे  निकलने   की   सभी   को 

भूल कर  रब   को  उड़ो  ना  आसमां  में 
वक़्त   आईना  दिखाता  हर  किसी को 

Sunil_Telang/25/02/2014





MUSKURAATE JAAIYE



मुस्कुराते जाइये

रोज़   हँसिये   और  लोगों   को   हँसाते  जाइये 
चाहे  ग़म  हो  या  ख़ुशी  बस  मुस्कुराते जाइये 

भूलकरअपनों को तुमने धन कमाया,क्या मिला 
कुछ   दुआयें   भी   बुज़ुर्गों   की  कमाते  जाइये 

और  भी  हैं लोग  दुनिया में, नहीं जिनका कोई 
उनको  अपना  के नसीब  अपना बनाते जाइये 

हादसे  तो  बन  गये  हैं अब नियति  इंसान  की 
हौसला   रखिये ,  गिले   शिक़वे  भुलाते जाइये 

पाआगे तुम एक दिन  तक़दीर  में  लिखा  हुआ 
ले के  रब  का नाम  किस्मत  आज़माते जाइये 

Sunil_Telang/25/02/2014


Sunday, February 16, 2014

NEMAT


नेमत

खुद से  ही शिकवा गिला कोई   समझदारी  नहीं 
ज़िन्दगी   नेमत   समझिये  कोई  लाचारी  नहीं  

जो   भी   तेरे   पास  है वो  कम  नहीं ये जान  ले 
तुझमें भी  है  ख़ास कुछ ये बात भी अब मान ले  
अपनी  किस्मत  खुद  बनाना  कोई  बेगारी नहीं 

लोग   तो   हँसते   रहेंगे  चाहे  तू   कुछ  भी  करे 
सत्य  की  जो  राह पकडे  वो  किसी  से  क्यूँ डरे
कुछ  नहीं  वो पायेगा  जिस पर जुनूं  तारी  नहीं

सारी  दुनिया से  अलग  तू काम  का अंदाज रख 
हो जनम  तेरा  सफल तू  दूध की कुछ लाज रख 
बोझ बन कर जो  जिये  जीने का अधिकारी नहीं 

Sunil_Telang/16/02/2014






Saturday, February 15, 2014

JEET YA HAAR



जीत  या  हार

फिर  बहस  होने  लगी  ये  जीत  है  या  हार  है 
पर  हकीकत  खुल गई सिस्टम अभी बीमार है 

आम  जनता   के   लिये  उलझे  हुये  क़ानून  हैं 
देश  का  ये  संविधान   देश   पर    ही   भार  है 

लूट  और  मंहगाई  की चर्चा  नहीं करता  कोई 
मुफलिसी के  दौर  में जीना  भी  अब  दुश्वार है 

तुम हो इक आम आदमी चुपचाप बस  बैठे रहो  
और   मुद्दे    हैं  ज़रूरी,   फ़िक्र   में   सरकार   है 

वक़्त  आया  है  करें  मौका परस्तों  को   विदा 
अब नतीजा  ना  मिला  तो  ज़िन्दगी बेकार है 

Sunil_Telang/15/02/2014





Friday, February 14, 2014

VALENTINE DAY


Happy Valentine Day

प्रेम  के  इज़हार  का  त्यौहार  लो  फिर  आ  गया  
ये  नयी  पीढ़ी  का वर्ज़न  हर किसी  को  भा गया 

आधुनिकता  में  ये  लिपटी  नौजवानी  हर  तरफ 
दो  दिनों  का  चैन  सबको लक्ष्य  से  भटका गया

पश्चिमी   ये   सभ्यता  हमको  कहाँ  ले  आई  है 
दिन ब दिन अपनों से हमको दूर बस करता गया 

भूल    बैठे   आज   अपनी   संस्कृति   छोटे   बड़े 
हर कोई बस कह रहा है Happy Valentine Day

Sunil_Telang/14/02/2014        




Tuesday, February 11, 2014

HUMDARD


हमदर्द 

ग़मों   की  भीड़  में  अक्सर  खुशी   के  साये  चलते  हैं 
गिला किस्मत से ना कर हर किसी के दिन बदलते हैं 

मिला तो  है बहुत तुझको  मगर लगता  है  क्यों थोड़ा 
यहाँ   कुछ  लोग   भूखे   पेट, नंगे  तन   भी   पलते  हैं 

कठिन संघर्ष का का रस्ता नहीं आता नज़र  फिर भी 
किसी  की  देखकर खुशियां सदा  क्यों  लोग जलते हैं


संभल   जाना   यहाँ    तेरे    सिवा   कोई   नहीं    तेरा 
यहाँ   हमदर्द  बन   कर   तेरे   अपने  लोग  छलते   हैं 

Sunil_Telang/11/02/2014








Sunday, February 9, 2014

MEHNAT


मेहनत

नहीं  कोई  अगर अपना  तो  क्या  ये हाथ  हैं अपने 
इन्ही   हाथों   से   हम  पूरे  करेंगे  आज  कुछ सपने 
पढ़ाई  और लिखाई  का  हमें  मौका ना  मिल पाया 
मगर मेहनत करे इन्सां तो किस्मत साथ हैं अपने 

Sunil_Telang/09/02/2014








Saturday, February 8, 2014

ZULM



ज़ुल्म 

ज़ुल्म   सहने   की   हमें  आदत पड़ी  थी 
इसलिये    तेरी    दवा   ना    काम  आई 

जब भी तूने कुछ अलग कर के दिखाया 
फैसलों  पर  सबने  बस  तोहमत लगाईं 

सो  रहा  था  हो   के  बेबस  आम  इन्सां 
तूने  आशा  की   किरण  मन  में  जगाई 

उड़  गईं  रातों   की  नीदें  भ्रष्ट  जन   की 
ये  मुसीबत  फिर  कहाँ  से  सर  पे आई

सामने    आये    नज़र     सबके     इरादे 
खुल गई जो असलियत अब तक छुपाई 

चाहे    कितने    झूठ    तेरी    राह   रोकें 
सत्य    की    रक्षा     करेगी   ये   खुदाई

Sunil_Telang/08/02/2014 













Wednesday, February 5, 2014

HAUSLA RAKHNA



हौसला रखना 

बदल  जायेंगे  ये  दिन रात  थोडा  हौसला रखना 
संभल  जायेंगे  फिर हालात  थोडा हौसला रखना  

ग़मों की भीड़ में अक्सर ख़ुशी  भी साथ चलती हैं
तेरी  पहचान  की  है  बात  थोडा  हौसला  रखना

सदा तू  दूसरों को देख क्यों  रहता  खफा  खुद  से 
नहीं  ये  ज़िन्दगी  सौगात  थोडा  हौसला  रखना 

अगर मंज़िल को पाना है हज़ारों  इम्तिहां   होंगे
ज़रा  काबू  में  रख जज़्बात थोडा हौसला  रखना

सुबह रूकती नहीं, डरता है क्यों तारीकियों से तू 
गुज़र जायेगी  काली  रात  थोडा  हौसला  रखना

Sunil_Telang/05/02/2014


Saturday, February 1, 2014

KAISA TANTRA



कैसा तंत्र 

खबर तो थी दुखद पर दिल ना रोया 
ज़मीर इंसान   का  लगता  है  सोया 

वो  हँसता  खेलता  सा  एक बचपन 

हिकारत  से   भरी  नज़रों  में खोया

कलंकित  हो  गई  इंसानियत  क्यों 
ये  किसने  नफरतों  का  बीज बोया 

भुला देंगे  नियति इसको समझकर 
तमाशा    रोज़मर्रा   का   हो   गोया 

पराये   हो   रहे   क्यों   लोग  अपने 
ये  कैसा तंत्र  है  अब  तक जो ढोया 

Sunil _Telang/01/02/2014