Ab Na Roko
Goonge bahron ki hai basti dhol peeto
Dhamdhamahat se jaga daalo sabhi ko
Ab guhaaron se na koi kaam hoga
Talkh naaron se hilaa daalo zameen ko
Loot ka itihaas wo kaayam hua hai
Sharm aa jaayegi shaayad Ghaznabi ko
Aasma se gir ke wo aaya zameen par
Jisne na samjha kisi ki bebasi ko
Dhaar kuchh paida karo Johar dikhaao
Zulm ki peeda sahan karna na seekho
Ab na roko Inqilaabi aadmi ko
Sunil_Telang/26/07/2012
अब ना रोको
गूंगे बहरों की है बस्ती ढोल पीटो
अब गुहारों से ना कोई काम होगा
आसमां से गिर के वो आया ज़मीं पर
धार कुछ पैदा करो जौहर दिखाओ
आर या उस पार की है ये लड़ाई
अब ना रोको
गूंगे बहरों की है बस्ती ढोल पीटो
ढमढमाहट से जगा डालो सभी को
अब गुहारों से ना कोई काम होगा
तल्ख़ नारों से हिला डालो ज़मीं को
लूट का इतिहास वो कायम हुआ है
शर्म आ जायेगी शायद गजनबी को
आसमां से गिर के वो आया ज़मीं पर
जिसने न समझा किसी की बेबसी को
धार कुछ पैदा करो जौहर दिखाओ
ज़ुल्म की पीड़ा सहन करना न सीखो
आर या उस पार की है ये लड़ाई
अब ना रोको इन्किलाबी आदमी को
सुनील _तैलंग /26/07/2012
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