अमन
जान पे बन आई अब तो चेत जाओ
यूँ समस्याओं को ना आगे बढ़ाओ
जीते जी जब हो गया मुश्किल गुज़ारा
ले रहे वो आज हिंसा का सहारा
अब दमन से राह मत टेढ़ी बनाओ
बात कोई आन की ना शान की है
बात मुद्दे की फकत पहचान की है
कुछ झुको तुम और कुछ उनको झुकाओ
जिसने भी इंसानियत पे कहर ढाया
व्यर्थ हिंसा से कभी कुछ भी ना पाया
अब अमन के रास्ते पर पग बढ़ाओ
Sunil_Telang/30/05/2013

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