Thursday, December 3, 2020

PEHRE



पहरे 


कलम पर लग गये  पहरे 

छुपे,  जो   राज़   थे  गहरे  


नहीं   सुनता   सदा  कोई      

हुये       सत्तानशीं    बेहरे 


किसे फुर्सत रही अब जो 

 तेरे  संग  दो  घडी  ठहरे 


ना  जाना   भोली  सूरत  पे 

हर इक चेहरे पे  दस चेहरे 


भुला दे, झूठ क्या, सच क्या 

नदी   के   साथ   तू  बह  रे 

(सदा - Voice)


Sunil _Telang/03/12/2020 



Saturday, November 14, 2020




CHALO DEEPAK JALAAYEN

चलो इक प्रेम और सद्भाव का 
दीपक जलायें ,
उजालों के लिए रस्ता बनायें  
 
तिमिर कितना घना हो 
रोक ना पाया सुबह को 
भुलाकर बैर, रंजिश, दें जगह 
मन में सुलह को 
जो हैं लाचार और बेबस
गले उनको लगायें 
उजालों के लिए रस्ता बनायें  

ये माना आपदा  आई है 
ये दुनिया पे भारी 
मगर गफलत में ये 
मिट जाये  ना संस्कृति हमारी 
हो अब दीपावली या ईद 
सब मिलकर मनायें 
उजालों के लिए रस्ता बनायें  

Sunil _Telang /14/11/2020
 

Wednesday, September 2, 2020

TAKHT NASHEEN




TAKHT NASHEEN


तुम  सितम और  बढ़ाओ,  असर  नहीं  होता  

दर्द   महसूस   तो   होता   है,  पर  नहीं   होता 


नाख़ुदा   बन के वो,  तूफ़ान  में   ले  आया   है         (नाख़ुदा - Sailor )

हर  किसी  शख्स में  ऐसा, हुनर  नहीं   होता  


उसके चेहरे पे शिकन का कोई निशान  नहीं 

इस  कदर  भी  कोई  पत्थर जिगर नहीं  होता 


जीत   ले   सारे  ज़माने   को   तू  मोहब्बत  से 

नफरतों   से    बड़ा   कोई  ज़हर  नहीं  होता 


याद  रख  वक़्त   ही सबसे  बड़ा  सिकंदर  है 

कोई   भी  तख्तनशीं,   उम्र  भर  नहीं   होता      (तख्तनशीं - Ruler )


Sunil_Telang/02/09/2020


    



  

Thursday, August 13, 2020

MASEEHA



MASEEHA


लोग  आते   हैं   चले  जाते   हैं 

हम फकत  हाथ  मले  जाते हैं  


वो सितमगर है  जियेगा बरसों 

कम उमर  में तो, भले  जाते हैं 


ग़मज़दा होके भी वो  हँसता है 

रश्क़  से   लोग  जले  जाते   हैं 


ना हुये  खुद  के, ना ज़माने  के 

यूँ  ही   दिन  रात  ढले  जाते  हैं 


आयेगा  कोई  मसीहा  बनकर 

लोग  हर   बार   छले   जाते  हैं 


Sunil_Telang / 11/08/2020




 

Friday, April 3, 2020

DARD

दर्द 

दर्द को  अपनाइये, अपने हों, चाहे  हों पराये 
हो गये हैं गुमशुदा, यूँ  तो हज़ारों लोग आये 
सिर्फ  अपने  वास्ते, जीते रहे तो क्या जिये
आदमी  तो है वही, जो दूसरों  के काम आये 

Sunil_Telang/04/09/2014




Saturday, January 18, 2020

WAAH WAAH



WAAH WAAH

लोग हँस कर गुनाह करते रहे 
और  हम  वाह वाह  करते रहे 

बन   के    बैठे   रहे   तमाशाई 
बस्तियां  वो   तबाह  करते रहे 

रोज़ अच्छे दिनों की आस लिये 
गुरबतों  में   निबाह  करते  रहे 

बंद आँखें किये औ लब सींकर 
उनकी आसान राह  करते रहे 

रहनुमा   हुक्मरान    बन    बैठे 
हम पे तिरछी निगाह करते रहे 

Sunil _Telang /18/01/2020 


Friday, January 10, 2020

KHWAAB


KHWAAB


रोज़ इक मुद्दे को लेकर हम बहस करते रहे 
वो हमे उलझा  के अपनी  जेब को भरते रहे 

अपनी अपनी सोच है, क्या है ग़लत और क्या सही 
अपनी ज़िद में पीछे पीछे बस  कदम धरते  रहे 

उसके घर को फूंकने से रौशनी होगी नहीं 
भूल कर  हम आपसी  रंजिश  में ही मरते रहे 

हो न जायें बेवतन, मिट जाए ना अपना वज़ूद 
बेवजह के खौफ से हम रात दिन डरते रहे 

राह भटकाते रहे, हम जिनको समझे राहबर 
ख्वाब भी पत्तों की तरह  टूटते झरते रहे 

Sunil_Telang/10/01/2020