WAAH WAAH
WAAH WAAH
लोग हँस कर गुनाह करते रहे
और हम वाह वाह करते रहे
बन के बैठे रहे तमाशाई
बस्तियां वो तबाह करते रहे
रोज़ अच्छे दिनों की आस लिये
गुरबतों में निबाह करते रहे
बंद आँखें किये औ लब सींकर
उनकी आसान राह करते रहे
रहनुमा हुक्मरान बन बैठे
हम पे तिरछी निगाह करते रहे
Sunil _Telang /18/01/2020
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