दोस्ती
मिला कर हाथ खुद से
दोस्ती इक बार कर ले तू
ग़मों को छोड़ अपनी
ज़िन्दगी से प्यार कर ले तू
नहीं इन हसरतों का अंत
कोई , क्या गिला करना
जो हँस के मिल रहा तुझको
उसे स्वीकार कर ले तू
बहुत खुशरंग अन्धेरों में
लिपटे हैं उजाले भी
भटक जाये ना, अपने आप
पर अधिकार कर ले तू
सुकूं दिल को मिलेगा दूसरों
का दर्द अपना कर
मज़ा भी जीत का दुनिया में
पहले हार कर ले तू
Sunil_Telang/17/05/2014

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