लाडली
निर्भया हो, दामिनी हो या कोई हो
आज से भयमुक्त सबकी लाडली हो
बेटियां कोई खिलौना तो नहीं हैं
जो तेरे बहलाव की खातिर बनी हो
ऐ गुनाहगारो खुदा का खौफ खाओ
तेरे घर में भी ये हरकत ना कहीं हो
कुछ सज़ा उनके लिये ऐसी बनाओ
मौत से बदतर अब उनकी ज़िन्दगी हो
डर गुनाहगारों में कुछ ऐसा बिठा दो
हादसा ऐसा न कोई फिर कहीं हो
Sunil_Telang/12/09/2013

No comments:
Post a Comment