धर्मपत्नी
घर में हो झगड़ा तो गुस्सा भूल जाओ
श्रीमती जी को ज़रा जल्दी मनाओ
चाहे ग़लती हो या ना हो मान लो तुम
जीत ना पाओगे उस से जान लो तुम
भूल कर उस पर कभी ना हक जताओ
हर जन्मदिन पर उसे तोहफा दिलाना
भूल कर भी ना जन्मदिन भूल जाना
शाम को अच्छा डिनर उसको कराओ
हो गिला शिकवा कोई तो भूल जाना
घर में रहकर रॉब ना उस पर ज़माना
वो भी है इन्सान ये मत भूल जाओ
धर्मपत्नी से रहेगी शोभा घर की
नारियां अर्धांगिनी होतीं हैं नर की
प्यार बांटो ,छोडो झगड़ा , मुस्कुराओ
Sunil _Telang /14/02/2013

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