Friday, July 13, 2018

PAUDHA



PAUDHA

चलो  आज   हम   एक   पौधा  लगायें
सभी मिल के अपनी प्रकृति को बचायें 

किया  कैसा  खिलवाड़ अपनी  धरा से 
बरसने   लगी   आग   क्यों  आसमां से 
ये   ऐसी  प्रगति   लोग  लाये  कहाँ   से 
कहाँ  खो  गईं  नभ  में  शीतल   हवायें 

नदी  नाले  सूखे,  सड़क  तर  बतर  है 
घडी भर  की  बरसात  का  ये कहर है 
कि  टापू  बना आज  क्यों  हर शहर है 
जो  बाहर  फंसे  लोग  घर  कैसे  जायें 

प्रदूषण से सबका हुआ जीना मुश्किल 
रही  ना  हवा  सांस  लेने   के  काबिल 
ये शहरीकरण  से हुआ क्या है हासिल 
कि  अब  शोर  में  डूबी  चारों  दिशायें

तरसते  हैं  छाँव की  खातिर मुसाफिर
कि  गर्मी  से  राहत मिले कैसे आखिर
करें  काम   कोई  भलाई   की  खातिर
अधिक से अधिक पेड़ अब हम लगायें

चलो  आज   हम   एक   पौधा  लगायें
सभी मिल के अपनी प्रकृति को बचायें 

Sunil_Telang/13/07/2018








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