SOCH
ना मैं हिन्दू हूँ, ना मुसलमान हूँ
सबसे पहले सिर्फ इक इंसान हूँ
ईद का दिन हो या दीवाली की रात
हर किसी के घर का मैं मेहमान हूँ
नफरतों के बीज मैं बोता नहीं
छल फरेब औ झूठ से अनजान हूँ
जब लहू का रंग सबका एक है
तुझमें मुझमें फर्क क्यो, हैरान हूँ
सोच बदलेगी तो बदलेगा जहां
कौन हूँ मैं, मैं ही हिन्दुस्तान हूँ
Sunil _Telang /16/06/2018
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