SHAAYARI
ग़मों को भूल जाऊं बस मुझे इतनी ख़ुशी दे दो
छुपा
लूँ
दर्द सीने में मुझे ऐसी हॅंसी दे दो
जिये अपने लिये ताउम्र ऐसी ज़िन्दगी का क्या
ज़माना
याद रखे मुझको ऐसी ज़िन्दगी
दे दो
हज़ारों लोग मिलते हैं यहां मतलबपरस्ती से
जो समझे दूसरों का दर्द ऐसी दोस्ती दे दो
मिलेगा क्या जवानी को मोहब्बत में मिटाने से
लुटा दे जां वतन के वास्ते वो आशिकी
दे दो
ये झूठी जात मज़हब की लड़ाई, रोज़ की बातें
मिलाये दिल से दिल इंसान के वो शायरी दे दो
Sunil_Telang/11/06/2018
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