Monday, June 11, 2018

SHAAYARI



SHAAYARI

ग़मों को भूल जाऊं बस मुझे इतनी ख़ुशी दे दो 
छुपा   लूँ   दर्द  सीने  में  मुझे  ऐसी  हॅंसी  दे दो 

जिये अपने लिये ताउम्र  ऐसी  ज़िन्दगी का क्या 
ज़माना  याद  रखे  मुझको  ऐसी ज़िन्दगी दे दो 

हज़ारों लोग मिलते  हैं  यहां  मतलबपरस्ती  से 
जो  समझे  दूसरों  का दर्द  ऐसी  दोस्ती  दे  दो 

मिलेगा क्या जवानी को मोहब्बत में मिटाने से 
लुटा  दे  जां वतन  के  वास्ते वो आशिकी दे दो  

ये झूठी जात मज़हब की लड़ाई, रोज़ की बातें  
मिलाये दिल से दिल इंसान के वो शायरी दे दो 

Sunil_Telang/11/06/2018




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