NASEEBA
NASEEBA
कोई उड़ता है ऊपर आसमां में
कहाँ उनका नसीबा और कहां मैं
सफर अपना ज़मीं से बस ज़मीं तक
ठिकाना और नहीं कोई जहां में
हज़ारों मर्तबा मर मर के देखा
ना आया नाम अपना दास्तां में
खुदा रक्खे तेरी हस्ती सलामत
कहीं बिजली गिरे ना आशियां में
Sunil _Telang/04/07/2015
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