कवायद
किसी की जान पर बन आई हम बस इक खबर समझे
उसी ने राह भटकाई जिसे हम राहबर समझे
खड़ा होने भी दो अपने ही दम पे नौनिहालों को
बिना मेहनत नहीं होती है दुनिया में बसर समझे
उड़ा कोई नहीं पंछी बिना पंखों को फैलाये
समझ आ जायेगी ये बात भी सबको अगर समझे
नतीजा अपने कर्मों का तुझे खुद ही भुगतना है
हमेशा जीत सच्चाई की ही होगी मगर समझे
करो उनका नमन सर पे कफ़न लेकर चले हैं जो
कवायद न्याय पाने की न अब हो बेअसर समझे
Sunil _Telang / 12/07/2015
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