MAALOOM
किसी रंजिश का जैसे सिलसिला मालूम होता है
कि तू मुझ सा है फिर भी दूसरा मालूम होता है
कहाँ से लाये हो अंदाज़ इतने मुस्कुराने के
तुम्हारा दिल मुझे टूटा हुआ मालूम होता है
मैं इस आलम-ए-तन्हाई में भी तन्हा नहीं ऐ दोस्त
मुझे हर एक आंसू आशना मालूम होता है
ज़रा तबियत से देखो तो खुदा बन्दे के अंदर है
खुदा का नाम लेने भर से क्या मालूम होता है
न जाने किसकी उल्फत में हुये हालात इस दर्जा
कि सब-मालूम ना-मालूम सा मालूम होता है
( N M ) /09/07/2015
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