Friday, November 28, 2014

KHAIRIYAT



KHAIRIYAT 

रोज़  बातें   करने  वाले,  काम  क्यों   करते  नहीं 
कुछ  नया  कर के करिश्मा, जोश क्यों भरते नहीं

दूसरों  की ग़लतियों  को  रोज़  गिनवाते   हैं  जो 
अपनी भी उपलब्धियों  का ज़िक्र क्यों करते नहीं 

हो  गये   इतने  बरस , अपना   वतन  आज़ाद  है 
अन्न  है  भरपूर ,फिर  भी  पेट  क्यों  भरते   नहीं 

देश   है  सम्पन्न  अपना  आप   भी  कुछ  लूटिये 
घर ये मेहनत  की  कमाई  से  ही क्यों  भरते नहीं 

रोज़ लुटती  नारियों की अस्मिता, पर  ग़म  नहीं 
राज   है   क़ानून   का  पर  लोग  क्यों  डरते  नहीं 

जिनके  दम  से  उड़  रहे  हैं आसमां  में  रात दिन  
खैरियत   लेने   ज़मीं  पर   पैर   क्यों  धरते  नहीं    

Sunil_Telang/28/11/2014






















No comments:

Post a Comment