Sunday, November 9, 2014

AASHAA



AASHAA

अक्लमंदों   का   तमाशा   देखिये 
हर  तरफ   छाई  निराशा  देखिये 

ख्वाब  टूटे अब हक़ीक़त खुल गई 

आम  जनता  में   हताशा  देखिये 

मुंह  छुपाते  लोग  अब बनने लगे 

पल में तोला,पल में माशा देखिये 

लफ़्ज़ों  में  शालीनता की हद नहीं 

सभ्य लोगों  की ये  भाषा  देखिये 

वक़्त फिर बदला,चलन बदलें ज़रा 

सरफिरे  लोगों   में  आशा  देखिये 

Sunil_Telang/09/11/2014

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