Sunday, June 17, 2012

SITAM


     

सितम  

इस  क़दर  दिल  पर  सितम  मत  कीजिये 
इन  मुलाकातों  को  कम  मत  कीजिये 

मिलना  जुलना  है  ज़रूरी  प्यार  में 
आशिकों  पर  ये  जुलम  मत  कीजिये 

दिल  की  बातें  सामने  आ  जायेंगी 
हम  तुम्हारे  हैं , शरम  मत  कीजिये 

दूरियों  से  शक  का  होता  है  गुमां   
बेवफाई  का  भरम  मत  कीजिये 

छोड़कर तुमको कहाँ हम जायेंगे 
खुद को इतना बेरहम मत कीजिये 

प्यार  में  मिलते  बिछड़ते  हैं  सभी 
अपनी  आँखें  इतनी  नम  मत  कीजिये 

Sunil_Telang/17/06/2012



SITAM

Is qadar dil par sitam mat kijiye
In mulaqaaton ko kam mat kijiye

Milna julna hai zaroori pyar mein
Aashikon par ye zulam mat kijiye

Dil ki baaten saamne aa jaayengi
Hum tumhare hain, sharam mat kijiye

Dooriyon se shaq ka hota hai gumaa
Bewafaai ka bharam mat kijiye

Chhod kar tumko kahan hum jaayenge
Khud ko itna beraham mat keejiye

Pyar me milte bichhadte hain sabhi
Apni aankhen itni nam mat kijiye

skt/17/06/2012
  

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