कैसा आया दौर
डीज़ल के सरकार ने बढ़ा दिये हैं दाम
कमर तोड़ मंहगाई में जीना हुआ हराम
समझ न आये हमें, करें अब कहाँ कटौती
सबकी ख्वाहिश, काश.. ऊपरी इनकम होती
दिन पर दिन सरकार जेब पर डाले डाका
आया है फिर दौर साइकिल और रिक्शा का
गैस सिलिंडर पर हुई तय सीमा इस बार
हुई फिक्रमंद गृहणियां करतीं सोच विचार
फिर से ढूंढो चूल्हा , कोयला और अंगीठी
खानी होगी रोटी , जली हो या हो चीठी
दिन का चैन उड़ा ,रातों की नीदें खोई
मोड्यूलर ये किचेन हाय फिर बना रसोई
Sunil_Telang/15/09/2012

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