Thursday, September 6, 2012

AAINA








आईना

आईना रोज़ देखते रहना
खुद से नफरत  कहीं ना हो जाये
बात नज़रें मिला के ही करना
तेरी ग़ैरत कहीं ना खो जाये

उम्र भर की वफ़ा भुलाने को 
एक छोटी सी खता काफी है
वादा करना तो फिर निभाना भी
ये मोहब्बत कहीं ना खो जाये

बेमुरब्बत है ये ज़माना भी 
तेरे अश्कों को नहीं समझेगा
दर्द दिल में छुपा के मुस्काना 
तेरी आदत कहीं ना हो जाये

उसकी मजबूरियां समझ लेना
यूँ कोई बेवफा नहीं होता 
उसको चाहा तो रख खुदा पे यकीं
ये इबादत कहीं ना खो जाये

Sunil_Telang/06/09/2012

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