आईना
खुद से नफरत कहीं ना हो जाये
बात नज़रें मिला के ही करना
तेरी ग़ैरत कहीं ना खो जाये
उम्र भर की वफ़ा भुलाने को
एक छोटी सी खता काफी है
वादा करना तो फिर निभाना भी
ये मोहब्बत कहीं ना खो जाये
ये मोहब्बत कहीं ना खो जाये
बेमुरब्बत है ये ज़माना भी
तेरे अश्कों को नहीं समझेगा
दर्द दिल में छुपा के मुस्काना
तेरी आदत कहीं ना हो जाये
उसकी मजबूरियां समझ लेना
यूँ कोई बेवफा नहीं होता
उसको चाहा तो रख खुदा पे यकीं
ये इबादत कहीं ना खो जाये
Sunil_Telang/06/09/2012
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