Monday, July 16, 2018



मेरा कसूर क्या है 

गाडी भी है तुम्हारी 
सड़कें भी हैं तुम्हारी 
तुमने क्यों बेवजह ही 
सूरत मेरी बिगारी 

मेरा कसूर क्या है 

ये ऊंचे नीचे रस्ते 
डामर को हैं तरसते 
मैंने तो सिर्फ की थी 
स्कूल की तैयारी 

मेरा कसूर क्या है 

कुछ लोग इस जहां में 
उड़ते हैं आसमां में 
लाचार बेबसों को 
समझे बस इक बीमारी 

मेरा कसूर क्या है

Sunil _Telang /16/07/2018


Sunday, July 15, 2018

HASHR



HASHR

गर  तू  मुझसे  जुदा  नहीं  होता 
हश्र    मेरा     बुरा    नहीं   होता 

कैसे कह दूँ  वो पल मुकम्मल है 
ज़िक्र  जिसमे  तेरा  नहीं   होता 

खुदसे अपनी  ही  बात करते हैं  
जब   कोई   दूसरा  नहीं   होता 

पूछ मत  इश्क़ में  क्या होता है 
पूछ ये   इसमें  क्या  नहीं  होता 

दोस्त  यारों  की  बात  करते हो 
अपना  साया  सगा  नहीं  होता 

सारी दुनिया से शिकायत थी कभी 
अब  किसी से गिला  नहीं होता 

फलसफा ज़िन्दगी का ये  है कि 
इसका कुछ फलसफा नहीं होता 

Sunil_Telang/15/07/2018






Friday, July 13, 2018

PAUDHA



PAUDHA

चलो  आज   हम   एक   पौधा  लगायें
सभी मिल के अपनी प्रकृति को बचायें 

किया  कैसा  खिलवाड़ अपनी  धरा से 
बरसने   लगी   आग   क्यों  आसमां से 
ये   ऐसी  प्रगति   लोग  लाये  कहाँ   से 
कहाँ  खो  गईं  नभ  में  शीतल   हवायें 

नदी  नाले  सूखे,  सड़क  तर  बतर  है 
घडी भर  की  बरसात  का  ये कहर है 
कि  टापू  बना आज  क्यों  हर शहर है 
जो  बाहर  फंसे  लोग  घर  कैसे  जायें 

प्रदूषण से सबका हुआ जीना मुश्किल 
रही  ना  हवा  सांस  लेने   के  काबिल 
ये शहरीकरण  से हुआ क्या है हासिल 
कि  अब  शोर  में  डूबी  चारों  दिशायें

तरसते  हैं  छाँव की  खातिर मुसाफिर
कि  गर्मी  से  राहत मिले कैसे आखिर
करें  काम   कोई  भलाई   की  खातिर
अधिक से अधिक पेड़ अब हम लगायें

चलो  आज   हम   एक   पौधा  लगायें
सभी मिल के अपनी प्रकृति को बचायें 

Sunil_Telang/13/07/2018