TUM HO IK AAM AADMI
समझते हैं तुम्हें
नाकाम
क्योंकि तुम हो इक आम
आदमी
रखो तुम काम से बस
काम
क्योंकि तुम हो इक आम आदमी
मिला जो भी ज्यादा
कम
उसी में सब्र कर लेना
शिकायत का न लेना नाम
क्योंकि तुम हो इक आम आदमी
बिठाया है सर आँखों पर
तुम्ही ने अंधभक्ति में
भटकते रहना सुबहो -शाम
क्योंकि तुम हो इक आम आदमी
कभी हमला है जाति पर
कभी मज़हब हुआ मुद्दा
तेरे दुःख दर्द हैं गुमनाम
क्योंकि तुम हो इक आम आदमी
कभी खुद से भी कर लो बात
तेरी किस्मत है तेरे हाथ
बदल जायेगी कायनात
क्योंकि तुम हो इक आम आदमी
Sunil_Telang/09/08/2016